PM Vishwakarma Yojana को समझने के लिए यह लेख आपको योजना की वर्तमान प्रगति, लाभ, आवेदन की स्थिति जांचने की प्रक्रिया, और महत्वपूर्ण आँकड़ों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। भारत सरकार द्वारा 17 सितंबर, 2023 को शुरू की गई यह योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह 18 पारंपरिक व्यवसायों जैसे बढ़ई, सुनार, लोहार, कुम्हार, मूर्तिकार, और दर्जी आदि से जुड़े लोगों को समर्थन देती है। आइए, योजना की वर्तमान स्थिति और इसके लाभों को विस्तार से जानें।
पीएम विश्वकर्मा योजना का परिचय
पीएम विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक और सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण, वित्तीय सहायता, और बाजार से जोड़ने की सुविधा प्रदान करती है। यह कारीगरों की आजीविका को बेहतर बनाने और उनकी कला को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। योजना के तहत कारीगरों को न केवल तकनीकी सहायता मिलती है, बल्कि उन्हें डिजिटल और वित्तीय साक्षरता के क्षेत्र में भी सशक्त किया जाता है।
PM Vishwakarma Yojana Status: मार्च 2025 तक की प्रगति
मार्च 2025 तक की नवीनतम जानकारी के अनुसार, PM Vishwakarma Yojana Status प्रभावशाली प्रगति दर्शाता है। योजना ने देश भर में कारीगरों को लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहाँ प्रगति का सारांश तालिका के रूप में दिया गया है:
विवरण | आँकड़े (मार्च 2025 तक) |
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प्राप्त आवेदन | 2.68 करोड़ से अधिक |
प्रथम चरण सत्यापन (ग्राम पंचायत/ULB) | 1.64 करोड़ आवेदन |
द्वितीय चरण सत्यापन (जिला समिति) | 72 लाख आवेदन |
तृतीय चरण समीक्षा (स्क्रीनिंग समिति) | 29.59 लाख आवेदन |
पंजीकृत लाभार्थी | 29.37 लाख कारीगर |
वितरित ऋण राशि | ₹1,751 करोड़ से अधिक |
खोले गए खाते | 2.02 लाख से अधिक |
ये आँकड़े योजना की व्यापक पहुंच और सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। योजना के तहत अब तक 1,751 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए गए हैं, और 2.02 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं, जिससे लाभार्थियों को अपने उद्यमों के लिए वित्तीय सहायता मिल रही है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख लाभ
पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों के लिए कई प्रकार की सहायता प्रदान करती है, जो उनके जीवन को बदलने में मददगार साबित हो रही है। यहाँ योजना के प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड: प्रत्येक पंजीकृत कारीगर को एक डिजिटल और भौतिक विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड दिया जाता है। यह उनकी पहचान को मान्यता देता है और योजना के सभी लाभों का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
- कौशल प्रशिक्षण: कारीगरों को 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिनों का उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रति दिन 500 रुपये का वजीफा भी दिया जाता है।
- टूलकिट प्रोत्साहन: बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, कारीगरों को 15,000 रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन मिलता है, जिससे वे आधुनिक उपकरण खरीद सकते हैं।
- वित्तीय सहायता: योजना के तहत बिना किसी गारंटी के 3 लाख रुपये तक का ऋण 5% की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध है। पहली किश्त 1 लाख रुपये की है, जिसे 18 महीनों में चुकाना होता है, और दूसरी किश्त 2 लाख रुपये की है, जिसे 30 महीनों में चुकाया जा सकता है।
- डिजिटल सशक्तिकरण: कारीगरों को डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के माध्यम से अपने उत्पादों को बेचने का अवसर प्रदान किया जाता है।
PM Vishwakarma Yojana Status की जांच कैसे करें
लाभार्थी आसानी से PM Vishwakarma Yojana Status ऑनलाइन जांच सकते हैं ताकि अपने आवेदन, ऋण वितरण, टूलकिट प्रोत्साहन, या वजीफा भुगतान की स्थिति का पता लगा सकें। यहाँ चरण-दर-चरण प्रक्रिया दी गई है:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: pmvishwakarma.gov.in पर जाएँ।
- लॉग इन करें: “आवेदक/लाभार्थी लॉगिन” विकल्प पर क्लिक करें और अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- ओटीपी सत्यापन: आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। इसे दर्ज करके लॉग इन करें।
- स्थिति जांचें: डैशबोर्ड पर “स्थिति” अनुभाग में जाएँ और निम्नलिखित विवरण देखें:
- आवेदन की स्थिति: स्वीकृत, लंबित, या अस्वीकृत।
- ऋण वितरण स्थिति: क्या 1 लाख या 2 लाख रुपये का ऋण संसाधित हुआ है।
- टूलकिट प्रोत्साहन स्थिति: क्या 15,000 रुपये का प्रोत्साहन जमा हुआ है।
- वजीफा स्थिति: प्रशिक्षण के दौरान दैनिक वजीफा भुगतान की अपडेट।
- वैकल्पिक विकल्प: लाभार्थी नजदीकी सामान्य सेवा केंद्र (CSC) पर जा सकते हैं या टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 18002677777 पर संपर्क कर सकते हैं।
वजीफा संबंधी प्रश्नों के लिए प्रशिक्षण केंद्र या हेल्पलाइन से संपर्क करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इन भुगतानों को अलग से संसाधित किया जाता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना की पात्रता
योजना का लाभ उठाने के लिए कारीगरों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:
- आयु: आवेदक की आयु पंजीकरण के समय कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- व्यवसाय: आवेदक को योजना में शामिल 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में संलग्न होना चाहिए।
- पंजीकरण: आवेदक को आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, और बैंक खाते के साथ पंजीकरण करना होगा।
- परिवार सीमा: एक परिवार से केवल एक व्यक्ति ही योजना का लाभ उठा सकता है।
- अन्य योजनाएँ: सरकारी कर्मचारी या अन्य समान योजनाओं के लाभार्थी इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
हालांकि PM Vishwakarma Yojana Status प्रभावशाली प्रगति दर्शाता है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ मौजूद हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी और जटिल सत्यापन प्रक्रिया कुछ कारीगरों के लिए बाधा बन सकती है। इसके अलावा, बाजार से जोड़ने की प्रक्रिया को और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि कारीगर अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बेच सकें।
भविष्य में, सरकार इस योजना को और विस्तार देने की योजना बना रही है। डिजिटल मार्केटप्लेस को बढ़ावा देने, अधिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
निष्कर्ष
PM Vishwakarma Yojana Status यह दर्शाता है कि यह योजना भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रही है। लाखों कारीगरों को वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण, और बाजार से जोड़ने की सुविधा मिल रही है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार हो रहा है। यदि आप एक कारीगर या शिल्पकार हैं और योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द पंजीकरण करें और अपनी स्थिति की जांच करें। यह योजना न केवल आपकी कला को मान्यता देती है, बल्कि आपको आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का अवसर भी प्रदान करती है।