PMMSY मछुआरों के लिए नई राह, 255 करोड़ की परियोजनाएँ शुरू!

मुंबई में हाल ही में आयोजित तटीय राज्यों का मत्स्य पालन सम्मेलन-2025 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) के तहत मत्स्य पालन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए। इस सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने की। इसमें तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल, मत्स्य पालन मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, और राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन शामिल हुए।

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana के तहत नई परियोजनाएँ

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र को आधुनिक और समृद्ध बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस सम्मेलन में, सात तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 255 करोड़ रुपये की लागत से नई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। इन परियोजनाओं का लक्ष्य मछुआरों की आय बढ़ाना, मछली पालन को तकनीकी रूप से उन्नत करना और तटीय समुदायों को सशक्त करना है।

महत्वपूर्ण पहल और योजनाएँ

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत कई नई पहल शुरू की गईं, जो मछुआरों और मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती हैं:

  • पांचवीं समुद्री मत्स्य पालन जनगणना: यह जनगणना मछुआरों और मत्स्य पालन से जुड़े आँकड़ों को इकट्ठा करने के लिए शुरू की गई है। इसके जरिए सरकार को मछुआरों की जरूरतों को समझने और नीतियाँ बनाने में मदद मिलेगी।
  • कछुआ संरक्षण उपकरण (टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस) दिशानिर्देश: यह उपकरण मछली पकड़ने के दौरान कछुओं को सुरक्षित रखने में मदद करेगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
  • जहाज संचार और सहायता प्रणाली: मछुआरों की सुरक्षा और संचार को बेहतर बनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) शुरू की गई।

डिजिटल क्रांति: VyAS-NAV ऐप

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने के लिए VyAS-NAV मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया। यह ऐप ICAR-सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMFRI) द्वारा विकसित किया गया है। इस ऐप का उपयोग पांचवीं समुद्री मत्स्य पालन जनगणना को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए किया जाएगा।

पहले जनगणना के लिए कागजी तरीके अपनाए जाते थे, लेकिन अब यह ऐप जियो-रेफरेंस्ड और ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा देगा। यह ऐप देशभर के 12 लाख से अधिक मछुआरा परिवारों का डेटा इकट्ठा करेगा। CMFRI, फिशरी सर्वे ऑफ इंडिया, और राज्य मत्स्य पालन विभागों के सुपरवाइजर इस ऐप का उपयोग मछली पकड़ने वाले गाँवों, मछली लैंडिंग केंद्रों, और बंदरगाहों की जाँच के लिए करेंगे।

जनगणना की प्रक्रिया

पांचवीं समुद्री मत्स्य पालन जनगणना को पूरा करने के लिए कई चरणों की योजना बनाई गई है:

  1. सुपरवाइजरों का प्रशिक्षण: जनगणना के लिए सुपरवाइजरों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
  2. गणनाकर्ताओं की भर्ती: हर गाँव के लिए गणनाकर्ताओं को चुना और प्रशिक्षित किया जाएगा।
  3. डेटा संग्रह: तीन महीने तक डेटा इकट्ठा किया जाएगा, जो दिसंबर 2025 तक पूरा होगा।

मछुआरों के लिए प्रोत्साहन

सम्मेलन में, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछुआरों को और समर्थन देने के लिए कई कदम उठाए गए। मंत्री ने VyAS-NAV ऐप से लैस टैबलेट सुपरवाइजरों को दिए। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के तहत मछुआरों को एक्वा बीमा प्रोत्साहन के पहले आदेश प्रदान किए गए। यह बीमा मछुआरों को आर्थिक सुरक्षा देगा और उनके जोखिम को कम करेगा।

क्यों है यह महत्वपूर्ण?

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना मछुआरों और तटीय समुदायों के लिए एक वरदान है। यह योजना न केवल मछली पालन को आधुनिक बनाती है, बल्कि मछुआरों की आय बढ़ाने, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने, और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में भी मदद करती है। डिजिटल तकनीक और डेटा-आधारित नीतियों के जरिए, यह योजना तटीय क्षेत्रों में समावेशी विकास को बढ़ावा दे रही है।

Disclaimer : यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे वित्तीय, कानूनी, या किसी अन्य तरह की सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। निवेश या अन्य निर्णय लेने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें। लेख में दी गई जानकारी बाजार की स्थिति के अनुसार बदल सकती है, और इसके आधार पर होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी।

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