केंद्र सरकार ने PM Kisan योजना के तहत अयोग्य किसानों से 416 करोड़ रुपये वसूले

केंद्र सरकार ने अपनी प्रमुख योजना PM Kisan के तहत अयोग्य किसानों से 416 करोड़ रुपये की वसूली की है। यह जानकारी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में दी। PM Kisan योजना 2019 में शुरू की गई थी, और तब से अब तक सरकार ने इस योजना के तहत 19 किश्तों में किसानों को 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की है।

PM Kisan योजना का परिचय और लाभ

PM Kisan योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी। इसके तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है, जो तीन बराबर किश्तों में दी जाती है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों (Aadhaar-seeded bank accounts) में भेजी जाती है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता देना है ताकि वे अपनी खेती से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर सकें।

अयोग्य किसानों से वसूली की प्रक्रिया

कृषि मंत्री ने बताया कि PM Kisan योजना शुरू में विश्वास आधारित प्रणाली पर काम करती थी। उस समय राज्यों द्वारा स्व-प्रमाणन के आधार पर लाभार्थियों का पंजीकरण किया जाता था। शुरुआत में कुछ राज्यों के लिए आधार सीडिंग (Aadhaar seeding) की शर्त को भी शिथिल रखा गया था। हालांकि, बाद में यह पाया गया कि कई अयोग्य लोग भी इस योजना का लाभ ले रहे थे।

इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने कई तकनीकी कदम उठाए। योजना को PFMS, UIDAI और आयकर विभाग के साथ जोड़ा गया। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करने के लिए कि लाभ केवल योग्य किसानों को ही मिले, land seeding, आधार-आधारित भुगतान (Aadhaar-based payment), और eKYC को अनिवार्य कर दिया गया। जिन किसानों ने इन शर्तों को पूरा नहीं किया, उनके लाभ रोक दिए गए। मंत्री ने कहा कि जैसे ही ये किसान अनिवार्य शर्तों को पूरा करेंगे, उन्हें योजना का लाभ और उनकी बकाया किश्तें, यदि कोई हों, मिल जाएंगी।

अयोग्य किसानों की पहचान और कार्रवाई

चौहान ने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उन अयोग्य किसानों से राशि वसूल करें, जिन्हें गलत तरीके से लाभ मिला। इसमें वे लोग शामिल हैं जो आयकर दाता हैं, PSU या राज्य/केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं, संवैधानिक पदों पर हैं, या ऊंची आय वर्ग से हैं। अब तक देश भर में अयोग्य लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है।

आधार और eKYC की अनिवार्यता

मंत्री ने यह भी बताया कि PM Kisan योजना में आधार एक महत्वपूर्ण पहचान मानक है। योजना का लाभ केवल उन किसानों को दिया जाता है, जिनके खाते आधार से प्रमाणित (Aadhaar authenticated) होते हैं। वर्तमान में PM Kisan योजना के 100% लाभार्थियों का डेटाबेस आधार से जुड़ा हुआ है, प्रमाणित है, और eKYC सत्यापित है। 15वीं किश्त (अगस्त 2023 – नवंबर 2023) से आधार-आधारित eKYC को भी अनिवार्य कर दिया गया है।

पंजीकरण की प्रक्रिया

चौहान ने कहा कि PM Kisan योजना में किसानों का पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है। किसान स्वयं PM Kisan पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। यह प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनाई गई है ताकि अधिक से अधिक योग्य किसान योजना का लाभ ले सकें।

निष्कर्ष

केंद्र सरकार PM Kisan योजना को और मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। Land seeding PM Kisan, आधार और eKYC जैसे कदमों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजना का लाभ केवल सही हाथों तक पहुंचे। अयोग्य लाभार्थियों से वसूली और तकनीकी सुधार इस दिशा में एक बड़ा कदम हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के जरिए छोटे और सीमांत किसानों को सही मायने में आर्थिक सहायता मिले।

Disclaimer : यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे वित्तीय, कानूनी, या किसी अन्य तरह की सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। निवेश या अन्य निर्णय लेने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें। लेख में दी गई जानकारी बाजार की स्थिति के अनुसार बदल सकती है, और इसके आधार पर होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी।

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