Hyderabad News: तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने जमीन के रिकॉर्ड को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए एक नया कदम उठाया है। सरकार ने भू-भारती पोर्टल शुरू किया है, जो पुराने धरनी पोर्टल की जगह लेगा। धरनी में कई समस्याएं थीं, जैसे रिकॉर्ड में गलतियां, लंबी प्रक्रियाएं और किसानों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने की मजबूरी। भू-भारती का उद्देश्य इन सभी समस्याओं को दूर करना और जमीन से जुड़े लेनदेन को सरल बनाना है। इसके साथ ही सरकार ने भूधर कार्ड और भू मित्र चैटबॉट जैसी सुविधाएं भी शुरू की हैं, ताकि जमीन मालिकों को बेहतर अनुभव मिले।
भू-भारती की शुरुआत और योजना
भू-भारती पोर्टल की शुरुआत 15 अप्रैल 2025 से चार मंडलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई है। सरकार की योजना इसे 2 जून तक पूरे तेलंगाना में लागू करने की है। यह पायलट प्रोजेक्ट तिरुमलागिरी (नलगोंडा), सादासिवपेट (मेदक), कीसारा (रंगारेड्डी) और एक अन्य मंडल में शुरू किया गया है। इस दौरान सरकार यह देखेगी कि पोर्टल में कोई तकनीकी समस्या तो नहीं आ रही। नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने जनवरी 2025 से इस पोर्टल को संभाला है और इसे मजबूत तकनीक के साथ तैयार किया है।
धरनी की समस्याएं और समाधान
तेलंगाना में धरनी पोर्टल की वजह से लोग कई सालों से परेशान थे। दिसंबर 2023 में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तब उसे 6.46 लाख शिकायतें मिलीं। इनमें जमीन को गलत तरीके से प्रतिबंधित करना, सर्वे नंबर का गायब होना, नाम में गलती होना और पट्टेदार पासबुक न मिलना जैसी समस्याएं शामिल थीं। सरकार ने अब तक 5.63 लाख शिकायतों को हल कर लिया है, लेकिन करीब एक लाख शिकायतें अभी बाकी हैं। जनवरी 2025 से NIC के शामिल होने के बाद 105 नई शिकायतें आईं, जिनमें से 82 सुलझा ली गईं और 23 अभी बाकी हैं। इनमें आधार एन्क्रिप्शन और सिक्योरिटी ऑडिट जैसी तकनीकी समस्याएं थीं, जिन्हें अब ठीक कर लिया गया है।
भू-भारती की खासियतें
धरनी पोर्टल में 33 मॉड्यूल थे, जो इसे जटिल बनाते थे। भू-भारती में अब सिर्फ 6 मॉड्यूल हैं, जिससे इसे समझना और इस्तेमाल करना आसान हो गया है। इसके अलावा, भू मित्र नाम का एक एआई चैटबॉट भी शुरू किया गया है। यह चैटबॉट लोगों को पोर्टल के इस्तेमाल में मदद करेगा और उनकी समस्याओं का तुरंत जवाब देगा। पोर्टल में रियल-टाइम अपडेट्स की सुविधा भी है, जिससे जमीन मालिकों को अपने मोबाइल पर लेनदेन की जानकारी तुरंत मिलेगी। हर जमीन को एक यूनिक भू-भारती नंबर दिया जाएगा, जो धोखाधड़ी रोकने में मदद करेगा।
भूधर कार्ड और अन्य सुधार
सरकार जल्द ही भूधर कार्ड लॉन्च करने वाली है। यह कार्ड जमीन मालिकों को उनकी जमीन का स्थायी दस्तावेज देगा, जैसे आधार कार्ड। इसके अलावा, जमीन रजिस्ट्रेशन के लिए सर्वे मैप जरूरी होगा, ताकि सीमाओं को लेकर कोई विवाद न हो। सरकार ने राजस्व अदालतें भी फिर से शुरू करने का फैसला किया है, ताकि जमीन से जुड़े मामले जल्दी सुलझ सकें। अब तहसीलदार छोटी-छोटी गलतियां, जैसे नाम या सर्वे नंबर में टाइपिंग की गलती, खुद ठीक कर सकेंगे।
सरकार का दृष्टिकोण
राजस्व मंत्री पोंगुleti श्रीनिवास रेड्डी ने पुरानी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2020 में धरनी पोर्टल बिना नियम बनाए शुरू किया गया था, जिसकी वजह से अधिकारियों के पास गलतियां ठीक करने का कोई अधिकार नहीं था। छोटी गलती के लिए भी किसानों को मुख्य कार्यालय तक जाना पड़ता था। अब भू-भारती के जरिए यह प्रक्रिया आसान होगी। हालांकि, कुछ सेवाओं को शुरू होने में समय लगेगा। गांव स्तर पर राजस्व अधिकारियों की भर्ती और सर्वेयर की जरूरत है, जिसके लिए सरकार काम कर रही है।
भू-भारती पोर्टल तेलंगाना में जमीन के रिकॉर्ड को एक नई दिशा देगा। यह किसानों और आम लोगों के लिए एक पारदर्शी और आसान प्रणाली लाने का वादा करता है।